भारत की प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंज CoinDCX पर जुलाई 2025 में एक बड़ा साइबर अटैक हुआ जिसमें करीब $44 मिलियन (लगभग ₹370 करोड़) की क्रिप्टोकरेंसी चोरी हो गई। इस घटना की पुष्टि CoinDCX के CO-फाउंडर और CEO सुमित गुप्ता ने की और इसे एक “उन्नत सर्वर ब्रीच” करार दिया।
इस ब्रीच की जानकारी सबसे पहले प्रसिद्ध ब्लॉकचेन जांचकर्ता ZachXBT ने अपने टेलीग्राम चैनल पर दी, जिसके बाद कंपनी ने इस पर आधिकारिक बयान जारी किया।
“इस घटना को तुरंत काबू में किया गया और संबंधित ऑपरेशनल अकाउंट को आइसोलेट कर दिया गया। चूंकि हमारे ऑपरेशनल अकाउंट्स ग्राहक वॉलेट्स से पूरी तरह अलग होते हैं, इसलिए यह नुकसान केवल इंटरनल अकाउंट तक सीमित है, जिसे हम अपनी खुद की ट्रेजरी से कवर करेंगे।”
Hi everyone,
At @CoinDCX, we have always believed in being transparent with our community, hence I am sharing this with you directly.
Today, one of our internal operational accounts – used only for liquidity provisioning on a partner exchange – was compromised due to a… pic.twitter.com/L1kZhjKAxQ
ब्लॉकचेन डिटेक्टिव ZachXBT ने हमलावर की ट्रांजेक्शन हिस्ट्री को ट्रैक किया और पाया कि वॉलेट को Tornado Cash (एक क्रिप्टो मिक्सिंग सर्विस) के माध्यम से फंड किया गया था।
इसके बाद चुराई गई क्रिप्टोकरेंसी को Solana नेटवर्क से Ethereum नेटवर्क पर ब्रिज किया गया।
⏳ हैक का टाइमिंग:
सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह हमला ठीक एक साल बाद हुआ, जब WazirX पर ₹1900 करोड़ का हैक हुआ था। दोनों घटनाओं में एक समानता यह है कि दोनों ही भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज हैं, और दोनों में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठे हैं।
CoinDCX की टीम ने इस बात की पुष्टि की है कि अज्ञात हैकरों ने एक्सचेंज के एक हॉट वॉलेट में सेंध लगाकर यह हमला किया। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, Ethereum, USDT और अन्य डिजिटल संपत्तियाँ इस हमले की चपेट में आई हैं। हालांकि, कंपनी ने यह भी दावा किया है कि वह इस स्थिति को कंट्रोल में लाने और यूज़र्स के फंड की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठा रही है।
CoinDCX ने यूज़र्स को आश्वासन दिया है कि उनकी व्यक्तिगत होल्डिंग्स कोल्ड वॉलेट्स में सुरक्षित हैं और प्रभावित फंड्स की रिकवरी के लिए एक्सपर्ट टीम्स और ग्लोबल ब्लॉकचेन फॉरेंसिक एजेंसियों की मदद ली जा रही है।
यह घटना हमें एक बार फिर याद दिलाती है कि क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग में सुरक्षा और सतर्कता अत्यंत आवश्यक है। उपयोगकर्ताओं को हमेशा अपने फंड्स को ट्रस्टेड और सिक्योर वॉलेट्स में रखना चाहिए, खासकर कोल्ड वॉलेट्स को प्राथमिकता दें।
निष्कर्ष:
यह घटना भारत के क्रिप्टो निवेशकों के लिए एक चेतावनी है कि सुरक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने की जरूरत है। हालांकि CoinDCX ने अपने ग्राहकों के फंड्स की सुरक्षा का भरोसा दिलाया है, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर क्रिप्टो एक्सचेंज की पारदर्शिता और सुरक्षा प्रोटोकॉल पर चर्चा छेड़ दी है।