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Shloka Ambani का प्रेरणादायक इंटरव्यू – करियर, मातृत्व और समाज सेवा का संतुलन

हाल ही में Shloka Ambani का एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू India Today को मिला, जिसमें उन्होंने अपने जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर खुलकर बातचीत की। Shloka Ambani, जो रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के चेयरमैन आकाश अंबानी की पत्नी हैं, ने बताया कि कैसे वह करियर, बच्चों की परवरिश और सामाजिक उत्तरदायित्वों के बीच एक मजबूत संतुलन बनाती हैं।

Shloka Ambani की प्रेरक कहानी

करियर और प्रोफेशनल दृष्टिकोण

श्लोका अंबानी एक सुशिक्षित और प्रभावशाली महिला हैं। उन्होंने हार्वर्ड से अपनी पढ़ाई पूरी की है और फिलहाल रिलायंस फाउंडेशन के साथ गहराई से जुड़ी हुई हैं। उनका फोकस शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण पर आधारित कार्यक्रमों को ज़मीनी स्तर पर प्रभावी बनाना है।

मातृत्व और पारिवारिक जीवन

माँ बनना श्लोका के लिए एक “जीवन बदल देने वाला अनुभव” रहा है। इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मातृत्व ने उन्हें और अधिक संवेदनशील और संगठित बना दिया है। वह बताती हैं कि बच्चों के साथ समय बिताना और उन्हें अच्छे संस्कार देना उनकी सबसे पहली प्राथमिकता है।

समाज सेवा के लिए जुनून

श्लोका का मानना है कि समाज सेवा केवल एक कर्तव्य नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। वह ग्रामीण भारत में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। उनका विज़न है – “एक ऐसा भारत, जहां हर बच्चा शिक्षित हो और हर महिला सशक्त।”

 सफलता का असली अर्थ क्या है?

श्लोका अंबानी मानती हैं कि बड़ी नौकरी या अधिक कमाई को ही सफलता नहीं कहा जा सकता। उनके अनुसार, अगर कोई व्यक्ति अपने काम को ईमानदारी और उद्देश्य के साथ करता है, तो वही असली सफलता है। उनका कहना है – “परफेक्ट होना ज़रूरी नहीं है, पर आपका मकसद साफ़ होना चाहिए।”

 अपने बच्चों के लिए कैसी विरासत छोड़ेंगी श्लोका?

 श्लोका का मानना है कि विरासत कोई संपत्ति या दस्तावेज़ नहीं होती, बल्कि वो सोच होती है जो हम आने वाली पीढ़ियों के लिए पीछे छोड़ते हैं। अगर हम किसी को बेहतर सोचने और समझने की प्रेरणा दे सकें, तो वही सबसे मूल्यवान विरासत है।

समाज सेवा का जरिया बना ‘ConnectFor’

वर्ष 2014 में श्लोका ने अपनी मित्र मनीति शाह के साथ मिलकर ‘ConnectFor’ नामक एक वॉलंटियरिंग प्लेटफॉर्म की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य था – देश की कंपनियों और लोगों को NGOs से जोड़ना। आज इसके माध्यम से लाखों घंटे की सेवा दी जा चुकी है और हजारों संस्थाएं इससे जुड़ चुकी हैं।

परिवार – असली ताकत का स्त्रोत

श्लोका बताती हैं कि उनके सफर में सबसे बड़ा साथ उनके पति आकाश अंबानी, माता-पिता और पूरे परिवार का रहा। वे कहती हैं, “हमारा परिवार सिर्फ साथ नहीं देता, बल्कि हमारे काम पर गर्व भी करता है।” यह साथ ही उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

 सादगी भरा, लेकिन प्रेरणादायक सफर

श्लोका की जीवन यात्रा में दिखावा नहीं है। उन्होंने कभी खुद को परफेक्ट नहीं कहा, बल्कि हमेशा एक उद्देश्यपूर्ण जीवन को ही सबसे बड़ा लक्ष्य माना। वे मानती हैं कि माँ होना, पेशेवर रूप से सफल होना और समाज के लिए कुछ करना – तीनों को संतुलन के साथ जिया जा सकता है, बस ज़रूरत होती है सही सोच, भरोसे और सपोर्ट सिस्टम की।

🎥 देखें पूरा इंटरव्यू

पूरा इंटरव्यू देखने के लिए यहां क्लिक करें और जानें श्लोका अंबानी की जिंदगी के अनसुने पहलू।

 Disclaimer:

यह ब्लॉग पोस्ट विभिन्न न्यूज़ पोर्टल्स (जैसे India Today) और इंटरव्यू वीडियो के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारी का उद्देश्य पाठकों को प्रेरणा देना है। इस कंटेंट का किसी भी रूप में व्यवसायिक लाभ हेतु उपयोग अनुचित होगा।

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