CBSE Two Board exam
CBSE Two Board exam


CBSE ने एनईपी‑2020 (NEP 2020) की सिफारिशों को अपनाते हुए कक्षा 10वीं के लिए 2026 से साल में दो बोर्ड परीक्षाओं का निर्णय लिया है  । इसका उद्देश्य छात्रों पर लगने वाले दबाव को कम करना और उन्हें बेहतर तैयारी के इम्प्रोवमेंट के अवसर प्रदान करना है।



📅 परीक्षा का नया शेड्यूल

चरणअवधिविवरण
पहला चरण17 फ़रवरी – 06 मार्च 2026सभी छात्रों के लिए अनिवार्य 
दूसरा चरण05 मई – 20 मई 2026सिर्फ ऑप्शनल — सुधार या फेल होने पर पुनः प्रयास


पहले चरण का रिज़ल्ट 20 अप्रैल 2026 तक जारी होगा, जबकि दूसरे चरण का रिज़ल्ट 30 जून 2026 तक घोषित होने की उम्मीद है 

📘 परीक्षाओं की रूपरेखा

  1. पूर्ण पाठ्यक्रम के अनुसार ही दोनों स्टेज की परीक्षाएँ होंगी  ।
  2. मुख्य विषयों (गणित, विज्ञान, सोशल साइंस, हिन्दी, अंग्रेज़ी) की परीक्षा केवल एक निश्चित दिन होगी  ।
  3. भाषा एवं विकल्प SUBJECTs (जैसे कि कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स, एआई) को 2–3 सेशन में आयोजित किया जाएगा, जिसमें छात्र को CBSE की व्यवस्था के अनुसार एक दिन अलॉट किया जाएगा  ।
  4. प्रायोगिक/इंटरनल असेसमेंट केवल एक बार ही लिया जाएगा और दोनों परीक्षाओं में वही अंक मान्य होंगे  

🎯 परिणाम प्रणाली

  • छात्रों का बेहतर स्कोर फाइनल मार्कशीट में दर्ज होगा — यानी दोनो कोशिशों में सर्वोत्तम अंक ।
  • मार्कशीट में पहले और दूसरे चरण के अंक, प्रायोगिक अंक और ग्रेड के साथ-साथ सर्वश्रेष्ठ अंक भी स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किए जाएंगे ।

💰 फीस व दर्जा

  • LOC (List of Candidates) भरने के समय ही दोनों परीक्षाओं की फ़ीस अग्रिम रूप से अनिवार्य है—फीस रिफंड नहीं होगी  ।
  • अगर कोई छात्र पहले चरण में फेल हो जाता है या दोबारा प्रयास करना चाहता है, तो दूसरा चरण उसी साल मई में ले सकता है।

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✅ लाभ और चुनौतियाँ

✔️ फायदे

  • परीक्षा का दबाव कम होगा।
  • सीखने का तरीका भी गंभीर और कॉन्सेप्चुअल रहेगा।
  • छात्र अपनी गलतियां सुधार सकते हैं और अपनी तैयारी पॉइंट्स को मजबूत कर सकते हैं।

❌ चुनौतियाँ

  • स्कूल और शिक्षकों के लिए ज्यादा लोड: दो परीक्षाओं के आयोजन, मूल्यांकन, समय सारिणी का प्रबंधन।
  • फीस अग्रिम भुगतान: कई परिवारों के लिए आर्थिक तनाव।
  • कोई रद्द‑रद्दी नहीं: समय सारिणी स्थिर होगी—कोई बदलाव नहीं 

🧭 स्टेकहोल्डर्स का दृष्टिकोण

  • केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह कदम तनावमुक्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में होल्डिंग है  ।
  • CBSE के Examination Controller सानयम भारद्वाज के अनुसार, पहला चरण फरवरी में अनिवार्य, जबकि दूसरा मई में वैकल्पिक होगा  ।

📌 निष्कर्ष

CBSE की यह नई पहल वास्तव में एक गेम‑चेंजर साबित हो सकती है—जहाँ एक तरफ छात्र बेहतर प्रदर्शन के लिए दो मौके पा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ स्कूल और अभिभावकों को कुछ नई तैयारियाँ करने की जरूरत है।

➡️ सलाह:

  • छात्र: फरवरी के पहले चरण से पूरी तरह तैयार रहें। अगर सुधार करना हो, तो मई के दूसरे विकल्प का बेहतर इस्तेमाल करें।
  • अभिभावक: तय समय पर LOC भरें और फीस का समय से भुगतान करें।
  • शिक्षक & स्कूल: मूल्यांकन प्रक्रिया और परीक्षाओं की एफिसिएंसी पर ध्यान दें।

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Disclaimer:-
इस ब्लॉग में दी गई जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध CBSE की आधिकारिक अधिसूचना और समाचार स्रोतों पर आधारित है। हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि सभी विवरण सटीक और अद्यतन हों, फिर भी किसी भी निर्णय से पहले कृपया CBSE की आधिकारिक वेबसाइट (https://www.cbse.gov.in) पर जाकर नवीनतम जानकारी अवश्य प्राप्त करें। इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी देना है.


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